Top latest Five Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana Urban news



एक सुरक्षित और खुशहाल वातावरण में रहें

डर मानसिक कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि आत्म-जागरूकता की आवश्यकता है। अपनी मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए:

जबकि परिस्थितियां इतनी मुश्किल होती नहीं हैं जितना उन्हें लगने लगता है. अब जैसे ऊपर वाला उदहारण ही लेते हैं.

डर के भी अनेक रूप हैं किसी को अंधेरे से डर लगता है तो कोई मरने के डर से कांप उठता हैं किसी को बीमार पड़ने का डर है तो बहुत लोग भविष्य में कहीं उनके साथ कोई आपत्ति या दुर्घटना ना हो जाए यह सोचकर मन ही मन डर रहे होते हैं

अक्सर देखा जाता है की कई बार शरीर से बलिष्ठ लोग भी डरपोक होते हैं. जबकि हकीक़त में दुसरे लोग उसके शरीर को देख देख कर अन्दर से उनसे डर रहे होते हैं.

जब आप विचारों को खुद से जोड़ना छोड़ देते हैं तब आप यह जान जाएंगे किसी भी विचार में आपको विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती है। यहां नेगेटिव विचारों को अवसर की तरह देखे, जब भी निगेटिव विचार आए तो तुरंत सकारात्मक विचार से उन्हें बदलते रहें और इसकी आदत बना ले, आप देखेंगे बुरे और नेगेटिव विचार धीरे-धीरे कम होने लगे हैं

अगर आप भी जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने से डरते हैं। तो इन आसान टिप्स की मदद से आप अपने डर को दे सकते हैं मात। जानें कैसे करें मज़बूती से अपने डर का सामना।

आपका डर क्या है? कभी-कभी केवल यह बताने से या कहने से ही आपको इससे निपटने की ताकत मिल सकती है। इसीलिए इसके बारे में बात करें। इसे लेकर शर्मिंदा ना हो, बल्कि अपने दोस्तों, करीबियों को इसके बारे में बताएं या फिर आप इसे लिख भी सकते हैं। एक जर्नल लें और उसमें लिखें कि आप किस चीज से डरते हैं। जब आप अपने डर को अनदेखा करने की कोशिश करते हैं, तो यह बढ़ता है। जब आप इसका सामना करते हैं, तो यह कम Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana होता जाता है।

किसी डर से दूर भागने से आपके उस डर के बारे में महसूस करने के तरीके को सुधारने में कभी मदद नहीं मिलेगी। अगली बार जब आप किसी डर का सामना करें, तो उस डर के साथ मौखिक रूप से या शब्दों के साथ जुड़ें, ऐसे शब्दों का उपयोग करें जो आपके डर और चिंताओं का वर्णन कर सकें।

बहुत से लोग सोचते हैं कि साहसी व्यक्ति को डर नहीं लगता, जबकि सच यह है कि वे डर को माना

क्योंकि डर सिर्फ एक दिन में दूर नहीं होता, कुछ वक़्त तो आपको देना ही होगा. तो चलिए जानते हैं डर को कैसे ख़त्म करें? इसके लिए आपको क्या क्या करना होगा?

अपने डर को तर्क से तोलें – “सबसे बुरा क्या हो सकता है?”

एक बात समझ लीजिये की ज़िन्दगी भगवान् ने दी है तो सबका भविष्य भी उन्ही का तय किया हुआ है.

आपने जाना कि आपका डर तर्कसंगत नहीं है, यानि उससे डरने का असल में कोई मतलब नहीं है।

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